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PM Kisan Yojana: भारत जैसे कृषि प्रधान देश में किसान हमेशा से अर्थव्यवस्था की रीढ़ रहे हैं। आज भी करोड़ों किसान खेती-किसानी से अपनी आजीविका चलाते हैं। लेकिन खेती से जुड़ी समस्याएँ और बढ़ते खर्च अक्सर किसानों को परेशान कर देते हैं। इन्हीं कठिनाइयों को देखते हुए भारत सरकार ने किसानों को आर्थिक मदद देने के लिए साल 2019 में PM Kisan Yojana शुरू की।
यह योजना किसानों को खेती के लिए छोटे-छोटे खर्च पूरे करने में सहारा देती है। बीज खरीदने से लेकर खाद, कीटनाशक और सिंचाई तक, यह आर्थिक मदद किसानों को राहत देती है।

PM Kisan Yojana का उद्देश्य
PM Kisan Yojana का मुख्य उद्देश्य छोटे और सीमांत किसानों को स्थिर आय देना है। इस योजना के तहत किसानों को सालाना 6,000 रुपये की आर्थिक सहायता दी जाती है। यह राशि तीन किस्तों में दी जाती है और हर किस्त 2,000 रुपये की होती है। पैसे सीधे किसानों के बैंक खाते में डीबीटी (Direct Benefit Transfer) के जरिए पहुँचते हैं।

सरकार चाहती है कि किसान खेती पर ध्यान केंद्रित कर सकें और साहूकारों या कर्ज के बोझ से बचे रहें। खासकर छोटे किसानों के लिए यह योजना किसी जीवनरेखा से कम नहीं है।
अब तक मिली किस्तें और अगली किस्त की उम्मीद
सरकार अब तक किसानों के खाते में 20 किस्तें ट्रांसफर कर चुकी है। अगस्त 2025 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 20वीं किस्त जारी की थी। इसके बाद अब किसानों की नजरें 21वीं किस्त पर टिकी हुई हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स का कहना है कि यह किस्त नवंबर या दिसंबर 2025 में जारी हो सकती है। हालांकि सरकार ने इसकी आधिकारिक तारीख का अभी ऐलान नहीं किया है। किसानों को सलाह दी जा रही है कि वे सभी जरूरी औपचारिकताएँ समय पर पूरी कर लें ताकि अगली किस्त में उनका पैसा अटके नहीं।
क्यों जरूरी है ई-केवाईसी और भूलेख सत्यापन
केंद्र सरकार ने साफ किया है कि केवल वही किसान PM Kisan Yojana की 21वीं किस्त का लाभ पाएंगे, जिन्होंने ई-केवाईसी और भूलेख सत्यापन पूरा किया है। इसका उद्देश्य यह है कि योजना का फायदा सिर्फ असली और पात्र किसानों तक ही पहुँचे।
अक्सर देखा गया है कि गलत जानकारी देकर कुछ लोग योजना का लाभ उठाने की कोशिश करते हैं। इसी को रोकने के लिए सरकार ने यह कदम उठाया है।
किसानों के लिए योजना का महत्व
किसानों के लिए PM Kisan Yojana केवल 6,000 रुपये की आर्थिक मदद नहीं है, बल्कि यह सरकार की ओर से दिया गया भरोसा है कि वह किसानों के साथ खड़ी है।
यह योजना खेती के मौसम में बहुत मददगार साबित होती है। जब किसान नई फसल बोने की तैयारी करता है, तब यह राशि उसके लिए एक आधार बन जाती है। खासकर छोटे और सीमांत किसान, जिनकी आमदनी सीमित होती है, इस योजना से बड़ी राहत महसूस करते हैं।
इसके अलावा यह योजना किसानों को साहूकारों पर निर्भर होने से बचाती है और उन्हें आत्मनिर्भर बनने की दिशा में आगे बढ़ाती है।
भविष्य की संभावनाएँ
आर्थिक विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले समय में सरकार इस योजना की राशि को बढ़ाने पर भी विचार कर सकती है। बढ़ती महंगाई और खेती के खर्च को देखते हुए कई किसान संगठनों की मांग है कि सालाना 6,000 रुपये की जगह यह राशि बढ़ाकर 12,000 रुपये कर दी जाए। हालांकि इस पर अभी कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है।

PM Kisan Yojana किसानों की जिंदगी में सकारात्मक बदलाव लाने वाली योजना है। अब तक सरकार 20 किस्तें जारी कर चुकी है और 21वीं किस्त के लिए सभी किसान उत्सुक हैं। संभावना है कि यह किस्त नवंबर या दिसंबर 2025 में किसानों के खाते में पहुँचेगी।
जिन किसानों ने ई-केवाईसी, भूलेख सत्यापन और आधार-बैंक लिंक की प्रक्रिया पूरी कर ली है, उन्हें अगली किस्त का पैसा जरूर मिलेगा। यह योजना आने वाले समय में भी किसानों के लिए सहारा बनी रहेगी और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में अहम भूमिका निभाएगी।
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